भारतीय किसान संघ ने प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री, मुख्यमंत्री, ईओडब्लू व लोकायुक्त से की शिकायत
जबलपुर 20 फरवरी- केंद्र सरकार के राष्ट्रीय कृषि प्रबंधन संस्थान, मैनेज-हैदराबाद के तकनीकी दिशा-निर्देशों द्वारा आत्मा परियोजना के सहयोग से कृषि आदान विक्रेताओं एवं डीलर्स के लिये एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स-डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन सर्विसेज फॉर इनपुट डीलर्स (देसी) कराया जाता है। देसी को जिसे उद्देष्य से प्रारंभ किया था उसका मिशन था कि कृषि आदान विक्रेताओं को प्रोफेशनल तरीके से किसानों की सेवा करने के लिये सक्षम बनाना। जिससे भारतीय कृषि व्यवस्था में व्यापक बदलाव लाये जा सके। लेकिन केंद्र सरकार व राज्य सरकार के दो बड़े विभागों के समन्वय से चलने वाले डिप्लोमा कोर्स को राज्य सरकार के सेट के डारेक्टर के पी अहरवाल व विभाग के अधिकारीयों ने पैसा कमाने का जरिया बना लिया। ऐसा भारतीय किसान संघ के द्वारा प्रधानमंत्री, केंद्रीय कृषि मंत्री, मुख्यमंत्री, लोकायुक्त व ईओडब्लू को की गई शिकायत में कहा गया है।
क्या है देसी डिप्लोमा कोर्स
मैनेज के तकनीकी मार्गदर्शन में राज्य कृषि विस्तार एवं प्रशिक्षण संस्थान के माध्यम से कृषि आदान विक्रेताओं एवं डीलर्स के लिये एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स-डिप्लोमा इन एग्रीकल्चरल एक्सटेंशन सर्विसेज फॉर इनपुट डीलर्स (देसी) कराया जाता है। विभाग द्वारा आवेदन बुलाकर चयन कर प्रतिभागियों से बीस हजार रूपये फीस लेकर एक वर्ष तक प्रशिक्षण दिया जाता है। वर्ष के अंत में परीक्षा लेकर उत्तीर्ण प्रतिभागियों को डिप्लोमा का प्रमाण पत्र दिया जाता है। जिससे उस प्रतिभागी को कृषि आदान अर्थात् खाद, बीज व कीटनाषक की दुकान खोलने की अर्हता मिल जाती है।
घूस के तौर पर प्रति छात्र चार हजार रूपये लिये गये
भारतीय किसान संघ के द्वारा दिये गये शिकायत पत्र के अनुसार जबलपुर के अधारताल स्थित आत्मा कार्यालय में देसी के डिप्लोमा कोर्स के सांतवे बैच के प्रत्येक छात्र से परीक्षा के पूर्व दो हजार और परिणाम आने के बाद डिप्लोमा कोर्स के प्रमाण पत्र देने के नाम पर दो हजार रूपये लिये गये हैं। सभी छात्रों से घूस के पैसे लेने के लिये बैच के ही छात्र का एकाउंट का क्यू आर कोड व्हाटसप ग्रुप में शेयर किया गया। जिसमें सभी छात्रों ने परीक्षा के पूर्व दो हजार रूपये की राशि उस छात्र के खाते में डाल दी गई। उसके बाद ही छात्रों के डाक्यूमेंट का वेरीफिकेशन किया गया और छात्रों को परीक्षा देने मिली। एक बैच में चालीस छात्र है तो एक लाख साठ हजार रूपये घूस ली गई। ऐसा सभी बैच में किया गया है।
कैसे हुआ भृष्टाचार का खुलासा
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटैल ने बताया कि किसान संघ को शिकायत प्राप्त हुई थी कि देसी डिप्लोमा कोर्स में डारेक्टर के पी अहरवाल को रूपये देने के नाम पर छात्रों के सभी बैच से घूस देने रूपये एकत्रित किये जाते है। इस भृष्टाचार को तथ्यों के साथ उजागर करने के लिये श्री पटैल ने डिप्लोमा कोर्स के लिये आवेदन कर प्रवेश लिया। वर्ष भर तथ्यों को जुटाकर श्री पटैल ने विभाग के दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच कर कार्यवाही की मांग की है।
खाते में स्थानांतरित घूस की रकम व व्हॉटसप चैट है प्रमाण
भारतीय किसान संघ के द्वारा की गई शिकायत में सबूत के रूप में शिकायत पत्र के साथ एक छात्र के खाते में सभी छात्रों के द्वारा जमा किये घूस की रकम की पर्ची भी संलग्न की है। साथ ही व्हाटसप चैट के स्क्रीन शॉट भी तथ्यों के रूप में दिये हैं। जिसमें कि परीक्षा के समय व प्रमाण पत्र लेने के पहले दो दो हजार रूपये जमा कराने के लिये विभाग के अधिकारियों के द्वारा कहा गया है।
भारतीय किसान संघ ने की जांच की मांग
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख व शिकायतकर्ता श्री पटैल ने मांग की है कि देसी डिप्लोमा कोर्स में कृषि विभाग के अधिकारियों के द्वारा भृष्टाचार का कृत्य जघन्य अपराध है। हमारी सरकार से मांग है कि प्रदेश के जिन जिलों में यह कोर्स संचालित किया जा रहा है। वहां कृषि विभाग के जिन अधिकारियों की संलिप्तता इस प्रकार के भृष्टाचार में है। जांच कर कड़ी कार्यवाही की जाये।
सहायक उप संचालक नर्मता उरकुड़े का स्थानांतरण किया जाये
भारतीय किसान संघ के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख राघवेंद्र सिंह पटैल ने मांग की कि जांच के दौरान जबलपुर आत्मा कार्यालय में पदस्थ अधिकारी सहायक उप संचालक नर्मता उरकुड़े का स्थानांतरित अन्य स्थान पर किया जाये। जिससे कि जांच में किसी भी प्रकार की वाधा न आये।